Monday, March 28, 2011

23 मार्च

1931: भारतीय क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फाँसी

भारत के सुप्रसिद्ध क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी गई.

भगत सिंह

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दी गई

वामपंथी विचारधारा के समर्थक भगत सिंह की उम्र उस समय मात्र 23 साल थी. लेकिन अपने क्रांतिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर नई दिल्ली की सेंट्रल एसेंबली में आठ अप्रैल, 1929 को बम और पर्चे फेंकने से उनका नाम पूरे भारत में पहचाना जाने लगा था. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था और भगत सिंह का कहना था कि उनका मक़सद केवल 'अंग्रेज़ सरकार को जगाने का था.' दोनों क्रांतिकारियों को सेंट्रल एसेंबली से ही गिरफ़्तार कर लिया गया था.

इसके बाद भगत सिंह पर ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ जंग छेड़ने का आरोप लगा. इसी के साथ भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के ख़िलाफ़ लाहौर षड़यंत्र मामला चला और उन्हें इसी मामले में फँसी हुई. इस मामले से भारत के अनेक हिस्सों में रोष की लहर दौड़ गई और ब्रितानी सरकार ने भड़की भावनाओं को समझते हुए गुप्त तरीके से पंजाब के फ़िरोज़पुर में हुसैनीवाला में तीनों क्रांतिकारियों का अंतिम संस्कार भी कर दिया.

1940: मुस्लिम लीग का लाहौर में 'पाकिस्तान' प्रस्ताव

मोहम्मद अली जिन्नाह

मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान के संस्थापक के रूप में याद किया जाता है

पाकिस्तान को अस्तित्व में आए लगभग 63 साल हो गए हैं लेकिन क्या आपको पता है कि पाकिस्तान बनने की कड़ी में एक अहम पड़ाव 23 मार्च 1940 को आया था.

इसी दिन ब्रितानी भारत में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक दल मुस्लिम लीग ने लाहौर में एक प्रस्ताव रखा जिसे बाद में पाकिस्तान प्रस्ताव के नाम से भी जाना जाने लगा है. इसके तहत पूरी तरह स्वायत्त और संप्रभु मुस्लिम देश बनाने का प्रस्ताव रखा गया.

अब 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इसी के साथ वर्ष 1956 में इसी दिन पाकिस्तान का पहला संविधान अपनाया गया था.

इन हत्याओं से दोनों देशों की पुलिस बौखला गई और उन्हें शक था कि ये संयुक्त और स्वतंत्र आयरलैंड की पक्षधर आईआरए का काम है. बाद में ये शक सही निकला.

1983: रीगन की अंतरिक्ष में मिसाइल नष्ट करने की घोषणा

वर्ष 1983 में तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति रोनल्ड रीगन ने एक ऐसी घोषणा की जिसका अर्थ शीत युद्ध को अंतरिक्ष में ले जाना लगाया गया.

उन्होंने अंतरिक्ष में परमाणु युद्ध का सामना करने के लिए स्ट्रैटेजिक डिफ़ेंस इनिशियेटिव की घोषणा की जिसमें लेसर तकनीक से आकाश में ही मिसाइलों को नष्ट करने का प्रस्ताव था.

बाद में ये योजना स्टार वॉर्स के नाम से चर्चित हुई जिसपर फ़िल्म सीरीज़ भी बनी. लेकिन आज अमरीका और रूस इसके उलट अपने-अपने परमाणु ज़ख़ीरे घटाने मे जुटे हैं.

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